भारतीय अर्थव्यवस्था एक पहेली की तरह है, जो एक साथ वृद्धि और मंदी का अनुभव कर रही है। दूसरे तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 8.2% दर्ज की गई है, जो अर्थशास्त्रियों को आश्चर्यचकित करती है, भले ही बाहरी चुनौतियाँ जैसे कि अमेरिका के टैरिफ हों। विनिर्माण और सेवाओं में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन वास्तविक जीडीपी गिर रही है, जिससे राजस्व और वित्तीय स्वास्थ्य पर चिंता बढ़ रही है। आगे देखते हुए, जीएसटी के प्रभाव और टैरिफ के चलते अनिश्चितताएँ अर्थव्यवस्था के परिदृश्य को आकार देंगी।