
नए कर नियम इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देंगे
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जो भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को लाभ पहुंचाएंगे। लिथियम-आयन बैटरियों को सेफ हार्बर नियमों में शामिल कर और सीमा को 300 करोड़ रुपये बढ़ाकर, सरकार का उद्देश्य आयातित ऑटो भागों के लिए ट्रांसफर प्राइसिंग विवादों को कम करना है। इसका मतलब है कि कंपनियों को अपने मूल्य घोषित करते समय अधिक कर निश्चितता मिलेगी, जिससे उनके लिए संचालन करना आसान हो जाएगा। ये संशोधन आकलन वर्षों 2025-26 और 2026-27 पर लागू होंगे, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए एक स्पष्ट मार्ग मिलेगा।