
उपभोक्ता क्षेत्रों में वृद्धि: आरबीआई की दर कटौती का प्रभाव
हाल ही में कर कटौतियों और ब्याज दरों में कमी से भारत के उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्रों में तेजी आने की संभावना है, जैसा कि Ionic Asset की अंकिता पाठक ने बताया। उनका मानना है कि वैश्विक वस्तुओं की स्थिरता और घरेलू कृषि की स्थिति के कारण महंगाई में कमी संभव है। जबकि आरबीआई जल्द ही अधिक दरों में कटौती रोक सकता है, फिर भी इस चक्र में एक और कटौती की संभावना है। अब ध्यान आर्थिक विकास पर है, खासकर निजी निवेश पर। कम उधारी लागत से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में बैंक और उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं, जो निवेशकों के लिए एक आशावादी समय है।