
अमेरिका में दवा की कीमतें घटेंगी: भारतीय फार्मा पर असर
अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की कीमतें 30% से 80% तक गिरने जा रही हैं, जो बाजार में न्याय लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने "मोस्ट फेवर्ड नेशन" नीति की घोषणा की है, जिसके तहत अमेरिकियों को दुनिया में सबसे कम कीमतों के बराबर दाम चुकाने होंगे। इस कदम से भारत की जनरल दवाओं की इंडस्ट्री पर चिंता बढ़ गई है, जो न केवल भारत में बल्कि अमेरिका और यूके में भी सस्ती दवाएं प्रदान करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मास्यूटिकल कंपनियां अमेरिका में मुनाफा कम होने के कारण भारत में कीमतें बढ़ा सकती हैं। इसलिए, भारत को अपनी पेटेंट कानूनों को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए ताकि सस्ती दवाओं की पहुंच सुनिश्चित हो सके।