

भारत में बीमा कंपनियाँ एजेंटों को दी जाने वाली कमीशन पर 18% जीएसटी लगाने जा रही हैं, जबकि सरकार ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को शून्य कर दिया है। यह निर्णय इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के हटने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए है, जिससे बीमा एजेंटों की कमाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जबकि ग्राहकों को कम प्रीमियम का लाभ मिल सकता है, एजेंटों को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यह स्थिति टैक्स सुधारों के अप्रत्यक्ष प्रभावों को उजागर करती है।