

भारत विभिन्न क्षेत्रों में यूरोपीय संघ (ईयू) से निवेश की मांग कर रहा है, जिसमें कानूनी, लेखा और आईटी सेवाओं तक बेहतर पहुंच शामिल है। व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन ऑटोमोबाइल और शराब बाजारों तक पहुंच को लेकर चुनौतियाँ बनी हुई हैं। ईयू भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, और इन मुद्दों का समाधान कई भारतीय उद्योगों के लिए लाभकारी हो सकता है। भारत अनुपालन लागत को सरल बनाने की कोशिश कर रहा है, और फार्मा निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।