

भारत ने अपने अंटार्कटिका अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 2 अक्टूबर को, एक रूसी कार्गो विमान ने वैज्ञानिक उपकरणों के पहले सीधे हवाई शिपमेंट के लिए उड़ान भरी। IL-76 विमान ने 18 टन गियर, दवाएं और भारतीय शोधकर्ताओं के लिए आवश्यक सामान भेजा। वर्षों से समुद्री परिवहन पर निर्भर रहने के बाद, यह निर्णय समय पर अनुसंधान सहायता की बढ़ती आवश्यकता के कारण लिया गया है। यह हवाई कार्गो पहल भारत के अंटार्कटिका वैज्ञानिक अभियानों के लिए एक नया अध्याय खोलती है।