भारतीय सरकार राज्य-स्वामित्व वाले बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए एक प्रमुख सुधार योजना बना रही है, जिससे उनके भारी कर्ज ₹2.74 लाख करोड़ का समाधान किया जा सके। यह नई योजना निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रबंधन नियंत्रण को निजी भागीदारों को सौंपने का लक्ष्य रखती है, जबकि सरकार कर्ज का बोझ उठाएगी। राज्यों के पास तीन विकल्प हैं: निजीकरण, आंशिक हिस्सेदारी का विमोचन, या कंपनियों की लिस्टिंग। यह पहल दक्षता बढ़ाने, सेवा में सुधार करने और संभावित रूप से बिजली क्षेत्र में बदलाव लाने का प्रयास करती है, जिससे अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।