भारतीय सरकार एआई जनित सामग्री, विशेष रूप से डीपफेक के दुरुपयोग से निपटने के लिए नए आईटी नियमों का प्रस्ताव कर रही है। इन नियमों में यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एआई-जनित सामग्री को स्पष्ट रूप से लेबल करना आवश्यक होगा। उपयोगकर्ताओं को यह घोषित करना होगा कि क्या उनके अपलोड की गई सामग्री सिंथेटिक है, और प्लेटफार्मों को इन घोषणाओं की सत्यता की पुष्टि करनी होगी। यह पहल व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करने और गलत जानकारी को रोकने के लिए है।