भारतीय कंपनियों के लिए H-1B वीजा की मंजूरी में भारी गिरावट आई है, शीर्ष सात कंपनियों को FY25 में केवल 4,573 मंजूरियां मिलीं, जो FY15 की तुलना में 70% कम है। यह प्रवृत्ति एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है, क्योंकि भारतीय कंपनियां अमेरिकी बाजार के लिए कम H-1B वीजा धारकों का उपयोग कर रही हैं। जबकि अमेरिकी टेक दिग्गजों जैसे कि अमेज़न और मेटा कई मंजूरियां प्राप्त कर रहे हैं, भारतीय कंपनियां कम वीजा के साथ IT सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह बदलाव कुशल आप्रवासन के भविष्य पर सवाल उठाता है।