बिहार महत्वपूर्ण चुनावों की ओर बढ़ रहा है। 3 करोड़ से अधिक निवासी नौकरी की तलाश में हैं, लेकिन यहाँ बेरोजगारी, खासकर युवाओं में, एक बड़ी समस्या है। राजनीतिक दलों द्वारा सरकारी नौकरी और महिलाओं के लिए नकद सहायता के वादे किए जा रहे हैं, लेकिन क्या बिहार इन चुनावी वादों को पूरा कर सकता है? राज्य की वित्तीय स्थिति पहले से ही तनाव में है, जहाँ 40% बजट पहले से तय खर्चों में बंधा हुआ है। निवेश की आवश्यकता है, ताकि रोजगार पैदा हो सके और गरीबी कम हो सके।