

भारत में "डिजिटल गिरफ्तारी" धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों ने केवल दो वर्षों में नागरिकों से 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी की है। गृह मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जैसे संगठनों की कोशिशों के बावजूद, कई पीड़ित अभी भी इन घातक धोखों का शिकार हो रहे हैं। धोखेबाज कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नकल करके, लोगों को intimidate कर पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते हैं। यह स्थिति मजबूत सुरक्षा उपायों और जन जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती है ताकि नागरिकों की रक्षा की जा सके।