

भारत सरकार द्वारा लागू GST 2.0 में दवा निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए महत्वपूर्ण बदलाव हैं। उन्हें खुदरा कीमतें अपडेट करनी होंगी, लेकिन 22 सितंबर से पहले के स्टॉक्स के लिए पुनः लेबलिंग अनिवार्य नहीं है। व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अब कर-मुक्त हैं, लेकिन समूह नीतियां नहीं। स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर 18% GST लगेगा, जिससे ज़ोमैटो और स्विग्गी जैसे प्लेटफार्मों पर असर पड़ेगा। कर विशेषज्ञों का मानना है कि ये अपडेट व्यवधानों को कम करेंगे और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएंगे।