आज के अनिश्चित नौकरी बाजार में, जनरल जेड काम-जीवन संतुलन को पारंपरिक सफलता के संकेतों से ज्यादा प्राथमिकता देता है। युवा पेशेवर जैसे रोहन और अनन्या सीमाएं तय करने पर जोर देते हैं, यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्तिगत समय काम के लिए बलिदान नहीं हो। उनका मानना है कि संतुलित जीवनशैली रचनात्मकता और ध्यान को बढ़ाती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग आधे भारतीय जनरल जेड कर्मचारी नियोक्ताओं को चुनते समय काम-जीवन संतुलन को महत्वपूर्ण मानते हैं। इस पीढ़ी की जोखिम लेने की प्रवृत्ति और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उनके दृष्टिकोण को आकार देती है।