

सीबीआई ने जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर ए.एल. रामानाथन के खिलाफ 88 लाख रुपये से अधिक के वित्तीय धोखाधड़ी के लिए जांच शुरू की है। यह मामला पहले दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट किया गया था, लेकिन उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। विश्वविद्यालय की वार्षिक वित्तीय समीक्षा के दौरान अनियमितताएँ पाई गईं, जिसके बाद एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया गया। जांच में कई कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई, जिसके परिणामस्वरूप रामानाथन को निलंबित किया गया और फिर उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी गईं।