प्रमुख रक्षा स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित होगा क्योंकि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने लगभग 67,000 करोड़ रुपये के पूंजी प्रस्तावों को मंजूरी दी है। यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों की संचालन तैयारियों को बढ़ाने के लिए है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं। इसमें उन्नत ड्रोन, रडार सिस्टम और मिसाइल अपग्रेड शामिल हैं, जिससे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स जैसी कंपनियों को लाभ होगा। भारत की रक्षा खर्च में तेजी आ रही है, और विशेषज्ञों का कहना है कि यह उद्योग के लिए मजबूत विकास की संभावना प्रस्तुत करता है।