

सेबी के चेयरमैन तुहीन कांता पांडे ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ाने के लिए सड़कों और रेल की तरह के क्षेत्रों में तेजी से संपत्ति मुद्रीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की संपत्ति मुद्रीकरण योजना की भूमिका को रेखांकित किया, लेकिन यह भी कहा कि कई राज्य सरकारें अपनी योजनाओं को ठोस रूप देने में पीछे हैं। पांडे ने जोर देकर कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता है, जो केवल सार्वजनिक संसाधनों पर निर्भर नहीं कर सकती। पूंजी बाजार दीर्घकालिक धन जुटाने में मदद कर सकते हैं।