भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, जैसे कि एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय ओवरसीज बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) को 35 बेसिस पॉइंट्स तक कम कर दिया है। यह कटौती रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई रेपो दर में कमी के बाद हुई है, जिससे उधार लेने वालों को लाभ होगा। एसबीआई का एक वर्ष का MCLR अब 8.75% हो गया है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय ओवरसीज बैंक ने भी विभिन्न अवधियों में समायोजन किया है। यह बदलाव व्यक्तिगत और व्यावसायिक ऋणों को अधिक सुलभ बनाएगा।