राष्ट्रपति ट्रम्प का परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने का हालिया बयान कई लोगों, जिसमें कानून निर्माता और विशेषज्ञ शामिल हैं, को भ्रमित कर दिया है। कुछ का अनुमान है कि वे अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं में मजबूती की तलाश कर रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि वे अन्य देशों की परमाणु गतिविधियों से मेल खाना चाहते हैं। अमेरिका ने 1992 से परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाई है, लेकिन रूस और चीन द्वारा अपने परीक्षणों के कारण चिंता बढ़ रही है। इस रोक को तोड़ने के परिणाम वैश्विक परमाणु अप्रसार को अस्थिर कर सकते हैं और भारत और पाकिस्तान जैसे देशों को अपने परीक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।