
UPI वृद्धि: क्या भारत का डिजिटल भुगतान भविष्य संकट में है?
भारत में डिजिटल भुगतान ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ोतरी की, जब UPI लेनदेन 2020 में 2.23 अरब से बढ़कर 2024 तक 16.73 अरब हो गए। हालांकि, UPI ने लेनदेन को सरल बनाया, लेकिन इसकी टिकाऊपन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि व्यापारी शून्य शुल्क नीति के कारण शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं। कैश का उपयोग अपेक्षाकृत उच्च बना हुआ है, जबकि डिजिटल विकल्पों की संख्या बढ़ी है। वयस्कों के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने में धीमी गति और UPI की स्थिर वृद्धि जैसे मुद्दे इस क्षेत्र में चुनौतियों को उजागर करते हैं। नवाचारों के बावजूद, इस क्षेत्र को फलने-फूलने के लिए एक मजबूत व्यापार मॉडल की आवश्यकता है, जिससे भारतीय डिजिटल भुगतान के भविष्य पर सवाल उठते हैं।