वायु प्रदूषण केवल हमारे फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि हमारे मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर जब हम बाहर दौड़ते हैं। धुंध भरे माहौल में व्यायाम करते समय, हम हानिकारक प्रदूषक ग्रहण करते हैं जो सिरदर्द, थकान और दीर्घकालिक संज्ञानात्मक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। भारत में, जहां प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है, सावधानी बरतना आवश्यक है। व्यायाम करना महत्वपूर्ण है, लेकिन मास्क पहनना, सुरक्षित समय चुनना और वायु गुणवत्ता की जांच करना मदद कर सकता है। सतर्क रहने से हम व्यायाम के लाभों का आनंद ले सकते हैं जबकि अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।