आज के तेज़-तर्रार जीवन में, माता-पिता अक्सर ग्रेड और ऊँचाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन रक्त शर्करा स्तर जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जांचों की अनदेखी करते हैं। मधुमेह अब केवल वयस्कों की चिंता नहीं है; भारत में बच्चों में मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध के बढ़ते रुझान चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञ, जैसे डॉ. समीर सद्वरते, पांच साल से ऊपर के बच्चों के लिए वार्षिक रक्त शर्करा परीक्षण के महत्व पर जोर देते हैं। जल्दी पहचान करने से दीर्घकालिक जटिलताओं को रोका जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिल सकता है। आज के साधारण, सक्रिय कदम बच्चों को एक स्वस्थ भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।