युवा उम्र में पार्किंसंस रोग भारत में बढ़ रहा है, जो पहले के विश्वासों को चुनौती देता है। न्यूरोलॉजिस्ट, जैसे डॉ. संजय पांडे, थकान समझी जाने वाली लक्षणों का निदान कर रहे हैं, जैसे कठोरता और धीमी गति, युवा मरीजों में। भारत में पार्किंसंस के लगभग आधे मामले इस आयु समूह में उभरते हैं, जो मुख्यतः आनुवंशिक कारकों से प्रेरित हैं। यह बदलाव जागरूकता और प्रारंभिक स्क्रीनिंग की आवश्यकता को रेखांकित करता है, क्योंकि समय पर निदान जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकता है। हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें; अगर आपको कुछ ठीक नहीं लग रहा है तो मदद मांगें।