काम के लंबे घंटों के दौरान, कई पेशेवर कुर्सी पर बैठे रहते हैं, जो पुरुष प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। दुनिया भर में असमर्थता एक में से छह लोगों को प्रभावित करती है, जिसमें पुरुषों का महत्वपूर्ण योगदान है। लंबे समय तक बैठने, लैपटॉप की गर्मी, वजन बढ़ने और तनाव जैसे कारक शुक्राणु स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। डॉ. गौरी अग्रवाल बताती हैं कि छोटे जीवनशैली में बदलाव, जैसे नियमित ब्रेक लेना और नींद में सुधार करना, मदद कर सकते हैं। पुरुषों के लिए अपने प्रजनन स्वास्थ्य को कैरियर की उत्पादकता के साथ प्राथमिकता देना आवश्यक है।