हर सर्दी, दिल्ली का आकाश घने धुएं से ढक जाता है, लेकिन यह खतरा केवल सांस लेने में कठिनाई तक सीमित नहीं है। यह प्रदूषण न केवल फेफड़ों, बल्कि दिल, मस्तिष्क, त्वचा और आंतों को भी चुपचाप नुकसान पहुँचाता है। डॉ. मनव मांचंदा के अनुसार, धुएं के लंबे समय तक संपर्क में रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे दिल की बीमारी और संज्ञानात्मक गिरावट। बच्चे और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से जोखिम में हैं। जबकि प्रभाव दीर्घकालिक होते हैं, जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव धुएं के प्रभाव को कम कर सकते हैं।