

दिल्ली की वायु प्रदूषण अब सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं है, बल्कि यह एक साल भर का संकट है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को गंभीरता से प्रभावित कर रहा है। न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. विनीत बंगा बताते हैं कि यह धुंध केवल फेफड़ों को नहीं, बल्कि दिल और मस्तिष्क जैसे अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाती है। वायु में मौजूद बारीक कण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे दिल की बीमारी और संज्ञानात्मक गिरावट का कारण बन सकते हैं। बच्चों के लिए खतरे और भी अधिक हैं, जो दीर्घकालिक जोखिम का सामना कर रहे हैं।