

आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में, कई जनरेशन ज़ेड के किशोर एक चिंताजनक त्रिकोण का सामना कर रहे हैं: एडीएचडी, चिंता और अनिद्रा। ये स्थितियाँ अक्सर एक-दूसरे से जुड़ती हैं, जिससे नींद की कमी और तनाव का चक्र बन जाता है। विशेषज्ञ जैसे डॉ. केर्सी चावड़ा और डॉ. फैबियन अल्मेडा बताते हैं कि स्क्रीन से अधिक उत्तेजना और शैक्षणिक दबाव इन समस्याओं को बढ़ाते हैं। वे यह भी बताते हैं कि जबकि ये चुनौतियाँ जटिल हैं, वे अजेय नहीं हैं। सरल आत्म-देखभाल प्रथाओं और पेशेवर मार्गदर्शन से किशोर संतुलन और शांति हासिल कर सकते हैं।