जिगर के कैंसर को अक्सर शराब से जोड़ा जाता है, लेकिन यह दृष्टिकोण अब पुराना हो चुका है। डॉक्टरों का कहना है कि आज कई मरीज नशे के आदी नहीं हैं, जिनमें युवा प्रोफेशनल भी शामिल हैं। अब मुख्य कारण मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) है, जो मोटापे और खराब जीवनशैली से जुड़ा है। भारत में, लगभग एक-तिहाई शहरी निवासियों में फैटी लिवर के लक्षण दिखाई देते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है, क्योंकि लक्षण अक्सर देर से प्रकट होते हैं। रोकथाम में स्वस्थ वजन बनाए रखना, व्यायाम करना और मधुमेह को प्रबंधित करना शामिल है। जागरूकता इस मौन खतरे का मुकाबला करने की कुंजी है।