40 वर्ष से कम आयु के कई भारतीय शाकाहारी आहार अपना रहे हैं, जो परंपरा से ज्यादा स्वास्थ्य, फिटनेस और स्थिरता से प्रेरित हैं। युवा वयस्क अब इस बात के प्रति जागरूक हैं कि भोजन उनकी ऊर्जा और भलाई को कैसे प्रभावित करता है। विशेषज्ञ, जैसे डॉ. रूपा शाह, बताते हैं कि पौधों पर आधारित भोजन आवश्यक प्रोटीन और पोषण प्रदान कर सकता है, बिना भारी पशु प्रोटीन के नकारात्मक प्रभावों के। यह बदलाव पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है, जिससे कई लोग शाकाहार को एक स्थायी जीवनशैली के रूप में देखते हैं।