

ल्यूकेमिया, जिसे रक्त कैंसर कहा जाता है, मिथकों और भय से घिरा हुआ है। कई लोगों का मानना है कि यह केवल बच्चों को प्रभावित करता है या हमेशा घातक होता है। हालांकि, चिकित्सक डॉ. गोपीनाथन और डॉ. विजय स्पष्ट करते हैं कि ल्यूकेमिया वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है, और प्रारंभिक पहचान सफल उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। थकान और मसूड़ों से खून आने जैसे लक्षण अक्सर गलत समझे जाते हैं, जिससे निदान में देरी होती है। राहत की बात यह है कि उपचार में प्रगति के कारण कई लोग निदान के बाद पूर्ण जीवन जी सकते हैं। प्रारंभिक संकेतों को पहचानना भय को आशा में बदल सकता है।