आज के डिजिटल युग में, खासकर युवाओं में, सोशल मीडिया, विशेषकर रील्स के चलते ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। इसे "पॉपकॉर्न ब्रेन" कहा जाता है, जहां लोग एक विकर्षण से दूसरे पर कूदते हैं, जिससे महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आती है, चिंता बढ़ती है, जो अक्सर खराब नींद और स्वास्थ्य का कारण बनती है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह प्रवृत्ति टालमटोल और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को बढ़ा रही है।