
आरबीआई के साहसिक कदम: रेपो दर में कटौती और विकास पूर्वानुमान
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बाजारों को आश्चर्यचकित करते हुए 50 आधार अंकों से रेपो दर में कटौती की, अपनी नीति को "तटस्थ" किया, और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कमी की। ये कदम तरलता बढ़ाने और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए हैं, जहां जीडीपी का अनुमान FY2025-26 के लिए 6.50% है। महंगाई की उम्मीदें भी कम की गई हैं, जो एक स्थिर आर्थिक वातावरण का संकेत देती हैं। हालाँकि, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक बाजार की अनिश्चितताएँ चुनौतियाँ बनी हुई हैं। कुल मिलाकर, आरबीआई के सक्रिय उपायों से आर्थिक सुधार सुनिश्चित हो सकता है।