भारत टाइप-2 डायबिटीज की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जो 101 मिलियन से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है। आश्चर्य की बात है कि इनमें से लगभग आधे मामलों को एक सरल आदत: स्थायी वजन प्रबंधन से रोका जा सकता है। डॉ. प्रात्यक्ष भारद्वाज बताते हैं कि शरीर के वजन में केवल 5-10% की कमी से डायबिटीज का जोखिम 50% तक कम किया जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और नींद को प्राथमिकता देना स्वस्थ रक्त शर्करा स्तर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे डायबिटीज के मामले बढ़ते हैं, वजन प्रबंधन भारत के लिए स्वस्थ भविष्य के लिए आवश्यक हो जाता है।