

हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में अतिरिक्त वसा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाती है, बल्कि मस्तिष्क के कार्य को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे अल्जाइमर रोग तेजी से बढ़ सकता है। शोध से पता चलता है कि वसा ऊतक हानिकारक संकेत भेजता है जो अमाइलॉयड पट्टियों का निर्माण कर सकता है, जो अल्जाइमर का एक प्रमुख संकेतक है। मोटापे से रक्त-मस्तिष्क बाधा कमजोर हो सकती है, जिससे विषाक्त पदार्थों का मस्तिष्क में प्रवेश करना आसान हो जाता है। मोटापे और संज्ञानात्मक हानि के बीच का संबंध जटिल लेकिन महत्वपूर्ण है। पेट के चारों ओर वसा को कम करना, स्मृति और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है।